मिट्टी वाले दीये जलाना, अबकी बार दीवाली में | Written By Kuldeep Kadyan

Mitti Wale Diye Jalana, Abki Baar Diwali Main राष्ट्रहित का गला घोंटकर,छेद न करना थाली में…मिट्टी वाले दीये जलाना,अबकी बार दीवाली में… देश के धन […]

क्यों????? आंख खुली तब आज़ाद थी

आंख खुली तब आज़ाद थी,, आज़ादी में ज़ंजीरें क्यों,,मेरे भी कुछ सपने थे,, बेदर्दी से दफनाए क्यों,,लिखना पढ़ना हक मेरा,, मेरे अपने पूछे क्यों,,देख उजाला […]